English
घर में ही अब अपनों से दुरियां बनानी पड रही है। यह कैसी बिमारी है? जो अपनो के लिए ही, अपनों से दूर कर रही है। 😥😥😥 ©Swati Mungal
Swati Mungal
71 Love
न चैन से खाने देते है। न चैन से बैठने देते है। ये यह Bord के Exam है। जो निंद से भी जगा देते है। 🙄😥😔 ©Swati Mungal
57 Love
जिंदगी को, जिंदगी में, जिंदगी मिल गई। तुम मिल गए हमे तो जन्नत की खुशी मिल गई। 😊😊😊 ©Swati Mungal
74 Love
कभी शक हो हमपर या हमारे प्यार पर, तो आजमाकर देखना शक को यकीन में बदलवा देंगे। 😝😝😝 ©Swati Mungal
66 Love
किसका ,किसके लिए ,क्या दुखता है। किस को, कब, क्या चुभता है। कहां, सिर्फ धुआं उठता, और कहां दिल सच में तड़पता है। सच बता रहे, हम सब समझते हैं। फिर भी नासमझ बनना हमे अच्छा लगता है। ©Swati Mungal
79 Love
तु हंसते हुए अच्छा लगता है तो हंस दिया कर, हंसी ना आए तो मुझ बंदरिया को याद कर लिया कर, याद से भी हंसी न आए तो मुझसे बात कर लिया कर, गर बात करके भी ना आए हंसी तो साले, उठा चप्पल और दो सिर पर मार के रो लिया कर। ©Swati Mungal
77 Love
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