सदियों लग गए तुम्हें लौटने में
पर अब जब लौटी हो तो,
तुमने इतिहास ही बदल डाला है।।
तुम पर लिखने वालों की अब,
रूह जरूर कपकपा जाएगी ।।
जिसे कुदरत ने नाजुक बनाया है,
यह कहने में एक बार पूरे बदन
में थरथराहट जरूर होगी ।।
अब कोई अपनी कहानी कि
तुम्हें गीता ,सीता, श्रद्धा नहीं बनायेगा।।
संस्कारी होने के लिए तुम्हें,
अब इनकी तरह होने के,
प्रमाण भी नहीं देना पड़ेगा ।।
तुम्हें सिंधू ,चानू, लवलीना, निक्की,
नवजोत ,वंदना, ऐसे असंख्य उदाहरण
देकर के नए नजर से देखा जाएगा ।।
तुम्हें अलंकृत करने के लिए बिंदी,झुमका,
चूड़ी ,काजल और पाजेब का सहारा ना लेकर
तुम्हें पसीने से लबालब भीगे होने पर,
भी खूबसूरत कहा जाएगा ।।
अब तुम्हारे सांवले और गोरी चमड़ी से नहीं,
तुम्हारे संघर्ष से प्यार किया जाएगा।।
-रानी यादव
©Rani Yadav
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