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आईना अब शख्सियत नहीं दिखाता सिर्फ नकाब दिखाता है जो इंसान हर रोज आईने के सामने लगाता है
sgoel
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तुझे लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा साल बदलेगा लेकिन दिल का हाल नहीं बदलेगा बदलेगा मंज़र मेरी ज़िंदगी का पर मेरी दुआओं में तेरा नाम नहीं बदलेगा सब कुछ बदल गया हमदोनो के बीच तेरी तस्वीर को देखकर मेरा चेहरा मुस्कान नहीं बदलेगा
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काश ! दिल की भी कोई शक्ल होती लोग दिल देखकर दिल्लगी करते यहां तो लोग चेहरे पर मर जाते हैं झेलना दिल को पड़ता है
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मेरे दिल का पंछी हर रोज़ तेरी याद की डाली पर टिक जाता है इतना मामूली बना दिया है प्यार को हमने तेरे लिए तेरी एक मुस्कान पर बिक जाता है
""छेड़ना आदत थी उसकी हम कुछ और बेकार समझ बैठे उसकी आदत थी दिल्लगी करने की और हम दिल हार बैठे""
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