तेरे इश्क़ की एक परत चढ़ी
मेरे दिल की कुछ रंगत बढ़ी
हर ओर दिखे एक चेहरा तेरा
जिस ओर भी मेरी नज़र पड़ी
तुझे याद करुं, हक़ हासिल है
तेरे बिन जी लूं, ये मुश्किल है
तेरी यादों में, तेरी बातों में
इन रातों में है, असर बड़ी
हर ओर दिखे एक चेहरा तेरा
जिस ओर भी मेरी नज़र पड़ी
जो झलक तेरी दिख जाती है
वो ख्वाब हसीन हो जाती है
साथ तेरा मिल जाये जिस पल
हो जाये वही,किस्मत की घड़ी
हर ओर दिखे एक चेहरा तेरा
जिस ओर भी मेरी नज़र पड़ी
तेरे इश्क़ की एक परत चढ़ी
मेरे दिल की कुछ रंगत बढ़ी
हर ओर दिखे एक चेहरा तेरा
जिस ओर भी मेरी नज़र पड़ी
🖋️नरेन्द्र
औंधा पड़ा श्याम पट हो जैसे
कल नन्ही सुबह, सुरज लिखेगी...
सजा देगी झालर, बूटे औ पत्ते
गीले हाथों से, कई रंग भरेगी....
खाली बचेंगे,कोई कोने भी नहीं
दोनों एड़ी उठाये, पंछी-पंछी भरेगी....
और..,
एक बिन्दु बन लग जाउंगा मैं भी
गर थोड़ी सी चमक मुझमें रहेगी...
🖋️ नरेन्द्र
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