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शायर तो में नही हूं ,बस लिखने का शोक है।
हां मुझे याद है पहली बार गैस सिलेंडर उज्जवला योजना के तहत खरीदा था उसके बाद कभी सिलेंडर नहीं खरीदा पाया हमने एल्बम की तरह गैस सिलिंडर घर पर सहजाके रख दिए ©अवतार कौशल
अवतार कौशल
7 Love
जो खोया है तुमने उसकी परवाह का मतलब नहीं जो है तुम्हारे पास उसकी परवाह का मतलब रखो ©अवतार कौशल
एक अजीब सी उलझन था ! उस उलझन में फसता ही चला गया!! जब निकलना चाहा नियति कुछ ओर ही मौड़ ले चुका था !!! ©अवतार कौशल
10 Love
मुझे लोगों की झूटी वाहवाही मिलती रही ! मै मूर्ख बनकर सुनता रहा !! ©अवतार कौशल
8 Love
अब शायद दिल तक सा गया है लोगो को अहमियत देते देते ! अब दिल को ना किसी को जरूरत है ना किसी को अह्यिमियत देने की तकत है !! ©अवतार कौशल
आज फिर से प्यारा सा नटखट दिल किसी अंधेरे में गुम गया। आज फिर से वही पुरानी जिंदगी में आ गए !! ©अवतार कौशल
14 Love
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