पहले यह ज़ख्म भर जाए।
अगर हुआ किस्मत में तो मिलना होगा एक बार दोबारा।
पर बहतर होगा मिले तब ही जब एक दूसरे से मिले ज़ख्म भर जाए।
उम्मीद है फिर मिलने पर वो ज़ख्म फिर से खुल ना
जाए।
यूं हो जाए कि फिर बन जाए हम अजनबी।
हममें वो पहली मुलाक़ात वाला नाता फिर जुड़ जाए।
बस इतना हो जाए कि इस बार वो पुरानी गलतियां ना दोहराई जाए।
इस पेचीदा इश्क़ को दोबारा एक मौका दिया जाए।
पर पहले यह ज़ख्म भर जाए।
- जुबिका
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