राजस्थानी रो प्रतिमान ।।। मारू थारै देस में नीपजे तीन रतन एक ढोलौ दूजी मारवण तीजो कसूंबळ रंग पधारो म्हारे देस... ऊपर मांडिया ऐ फकत आखर नीं। मुरधर देस रौ सांगोपांग दरसण है। अठै रो ढोलौ(मिनख) कै तो जुद्ध में जूझै, कै प्रेम रस में पगियोड़ो रै। मुरधर देस री बिरहणी मारवणां(कांमणियां) ई सोरै सास जीणे रौ आणंद नीं ले सकै। महलां झरोखा झांकती, पीव स्यूं मिळणे री आस में जोबण गाळ दै। इण दोन्यू रै बिचाळै कसूंबळ रंग(जुद्ध भोम में बिखरयो पड़्यो रगत) कद बिछवो घाल दै कोई कै नीं सकै। म्हूं तो राजस्थान नै अर राजस्थानी जिबाळौ एक मिनखं हूं,जिको राजस्थान अर राजस्थानी माथै घणो गुमेज करुं । लिखबा आरौ प्रयास कर'रया हां जिको बैगी ही सफलता मिलसी । सगळा रौ आप आपरौ लिखबा रो अदांज न्यारों व्है। हिंदी माथै भी लिख लैयां करां अर अंग्रेजी माथै अर गुजराती माथै भी ✍️। जै राजस्थान जै राजस्थानी ।।।🏜️🐪🐪🚩🚩👌✍️👌👍👏😇😘☺️🤗😍😘
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