माँ का आँचल जानती हुँ, मैने तुझे कभी समझा नहीं,
मैने कभी अपना फ़र्ज़ निभाया नहीं,
हाथ पकड़ साथ कभी तेरे चली नहीं,
कभी-कभी लगता हैं.....
मुझे माँ कहलाने का हक नहीं।
एक कमी मेरी वजह से रही तेरी जिदगीं में,
उसको शायद मैं कभी पुरा कर सकती नहीं,
डाँटा मैने,पिटा मैने, पर प्यार तुझसे कभी किया नहीं,
एक माँ के प्यार को,जिसके लिए तु तरसा ...
वो मैने तुझे कभी दिया नहीं,
माफ करना मुझे ...मेरे बच्चे....
मैं माँ कहलाने के लायक नहीं।
-alfaz❤️k
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