🌼__"तृष्णा"__🌼
मेरे चैतन्य को एकमात्र
तुम्हारे अवलोकन की,
~इस प्रकार है तृष्णा।।
जैसे मीरा की व्याकुल,
भक्ति की पीड़ा में..🍁
~विराजमान हो कृष्णा ।।
प्रतीक्षा में तपे..🍁
हृदय की शुष्क भूमि,
कब होगी इन पे तुम्हारे
~स्नेह ऋतुओं की वर्षा।।
PRIYANKA ROY🖊️
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