मैं मंजिलाना राही हूँ , कलम जिसकी साथी है। वो अल्फाजों का दरिया है मैं उस दरिया का पानी हूँ वो गीतों गजलों का गाया है मैं उस गाने का साया हूँ वो मेरी मंजिल मैं मंजिल का राही हूँ। *******माँ सारदा *******
20 Love
19 Love
27 Love
23 Love
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here