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The rose petals डायरी के कुछ पुराने पनने पलट रहा था लगा जैसे फिरसे गुजरे लम्हे झपट रहा था ! तभी पलटते पलटते एक चार साल पुराना गुलाब मिल गया जिसकी महक ने मानो बरसो पुराना जखम सील दिया ! फिर आगे पलटने की ना हिम्मत बची ना वजह फिर क्या था कुछ समय बाद ही उस डायरी से लपट रहा था! ©connoisseur
connoisseur
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Dark Night सेहैम जाता हूँ आज भी कुछ चीज़े सोचते सोचते ना जाने जब सामना होगा तो थक ना जाऊँ हकीकत नोचते नोचते || ©connoisseur
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ये रातें इतनी काली क्यूँ हैं ये बातें इतनी बाकी क्यूँ हैं जिंदगी के इस मोड पर ये कदम डगमगाए क्यूँ हैं अकेलेे चलते चलते हमसफर की चाहत क्यूँ हैं क्यूँ मन मै बैठा कुछ खोने का डर है क्यूँ आँखों मैं नमी और सांसों मैं अर्चन है ऐसे कितने क्यूँ मन मै समाए क्यूँ हैं ये रातें इतनी काली क्यूँ हैं ©connoisseur
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