मुझे पसंद नहीं आया रहना,
तेरे शहर में।
मुझे पसंद है एकांत,
लेकिन भीड़ बहुत है तेरे शहर में
वैसे मिला तो बहुत है,
लेकिन बहुत कुछ खो चुके है तेरे शहर में
मुझे प्रकृति पसंद है,
लेकिन आडंबर से भरी है
हर बस्ती तेरे शहर में
मुझे शांति पसंद है,
लेकिन शौर बहुत है तेरे शहर में
जान लिया है बहुत कुछ,
लेकिन अब अनजान रहना चाहते हैं
तेरे शहर में...
©Khyati
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