प्रीत हो मेरा संसार हो तुम ,
मेरे जीवन का आधार हो तुम ,
अर्जुन का गांडीव हूँ मैं तो ,
श्री कृष्ण का गीता सार हो तुम ,
मेरी खुशियों का एकमात्र श्रोत ,
मेरे अधरों में सिमटा प्यार हो तुम ,
मेरे जीवन का आधार हो तुम।।
तुम संग कभी ना गमों को पाया ,
खुशियों ने सदैव है गले लगाया ,
कभी जो भटका अपनी राहों से ,
तुम्हारे कदमों ने है राह दिखाया ,
बर्बरीक के बाण सी हो तुम ,
एक वार में मुझमें खुद को बसाया ।।
माना कि कठिन है ये प्रेम मार्ग ,
पर महादेव सा अडिग हूँ मैं ,
तुमसे मिलती जीने की शक्ति है ,
तुमसे प्रेम में लीन तड़ित हूँ मैं ।।
तुम्हारे बिना नश्वर है अमृत ,
तुम हो तो विष भी अमर कर जाए ,
तुम ना हो तो द्वारका फीकी ,
तुम हो तो संसार गोकुल हो जाए ,
मेरी खुशियों का रंगीन सार हो तुम ,
मेरे जीवन का आधार हो तुम ।।
©Nikhil
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