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मैं हूं या न रहूं मेरे लिखे अल्फाज याद आयेंगे तुम्हें ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Deepmala Pandey Raipur
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White गुरू होते हैं बड़े ही महान आओ करें हम उनका सम्मान प्रथम गुरु है हमारे माता-पिता जो सही गलत सीखाते हैं । फिर विद्या अर्जन हेतु हमें विद्यालय तक पहुंचाते हैं । विद्यालय में गुरू हमारे माता-पिता का किरदार निभाते हैं गुरू ज्ञान की बातें सीखाते हैं कभी डांट से कभी प्यार से कभी दो चपात भी लगाते हैं कच्ची मिट्टी से रहते हम सब सुंदर आकार हमें दे जाते हैं अंधकार से खींचकर हमें 'दीप' सा उजाला दे जाते हैं तभी तो हम शिष्य बनकर जीवन में आगे बढ़ पाते हैं । कभी न भूलें हम गुरुओं का सम्मान गुरू पूजनीय हैं गुरू वंदनीय हैं जिनके आगे नतमस्तक है विश्व तमाम सभी गुरूओं के चरणों में मेरा कोटि-कोटि प्रणाम है कोटि कोटि प्रणाम । ©Deepmala Pandey Raipur
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Shree Ram राम ही जीत है राम ही हार राम ही मेरे तारणहार हर कण हर घर में राम मेरे राम तुम घट घट वासी तेरे रहते न कहीं रहे उदासी राम ही माला राम ही मोती सब पर उसकी दया बरसती मर्यादा पुरुषोत्तम मेरे राम कोटि कोटि है तुम्हें प्रणाम सिया के मन को भाये राम रघुकुल वचन निभाये राम दानव का वंश मिटाये राम हे दशरथ नंदन मेरे राम नित नित तेरी राह निहारे दोउ कर जोरे पांव पखारे। होगी दीवाली फिर अवध में एक 'दीप' हम जलाएं राम हम करते तुम्हें सदा प्रणाम। -------------------- दीपमाला पाण्डेय रायपुर छग ©Deepmala Pandey Raipur
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