मत कर तू उम्मीद वफ़ा की सनम से
आंखों में आँसू तेरे होंगे और दिल तेरा ही तोड़ा जाएगा
उसके दिए जख्मों पर वो बख़ूबी मरहम लगाएगा
और पूरे ज़माने के सामने तुझे ही बेवफ़ा कह जाएगा
तू गिनता रहेगा तारे सारी-सारी रात भर उसकी याद में
वो अपने झूठे वादों से किसी और की रातें सजाएगा
तेरी सांसों में धड़केगा वो वक़्त बेवक्त ख्याल की तरह
और बड़ी मासूमी से किसी और की सांसों में समां जाएगा
अब वो लिखेगा शायरी बड़े ही शान से
हर पन्ने में ज़िक्र तेरी ही बेवफ़ाई का कर जाएगा...
तेरी मोहब्बत का इनाम तुझे वो कुछ इस क़दर दे जाएगा
सजेगी महफ़िल तेरे अपनों की और तू ख़ुद को अकेला पाएगा
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