White "पापा"ने कहा था; " जल्दी आना "
मैंने कहा था ; " जल्दी आऊंगी "पापा "
फिर.....
मैं जल्दी आई... ,
ये सोचकर नहीं की पापा को
जल्दी से भी जल्दी है....
मैं आई....
लापरवाही से...
वही मेरी बचपन की लापरवाही....
सोचा ही नहीं की पापा को जल्दी है..
पापा तो ठीक हैं...
पर वो कहां ठीक थे..
एक आवाज लगाई आते ही , "पापा"...
जवाब मिला ," बेटे"
बस हो गया काम , " मस्त हो गई अपनी दुनियां में"
नहीं पता था पापा को जल्दी है...
तभी कहा था "पापा "ने, " जल्दी आना बेटे "मैं आई ," पर वही बचपन की लापरवाही के साथ "
पूरा दिन बीत गया...
बस इधर से उधर में..
नहीं पता था "पापा "को जल्दी है...
नहीं बैठी "पापा "के पास....
जिनके पास घंटे भी मिनट लगते थे..
नहीं सहलाया " पापा " का माथा..
जिन्होंने कभी घंटो माथा सहलाया है मेरा...
नहीं बात की " पापा " से..
जिन्होंने घंटो धैर्य , प्रेम से सुनी हैं मेरी...
ढेरों बेतुकी , बेमतलब की बातें...
नहीं पता था " पापा " को जल्दी है,,,
पर इससे मेरे गुनाह कम नहीं हो जाते..
दुनियां का सारा प्यार दिया" पापा" ने मुझको..
और मैं उसका एक अंश भी..
नहीं लौटा पाई मेरे "पापा" ...
आप दुनियां के सबसे अच्छे" पापा"
और मैं थोड़ी भी...
अच्छी बेटी नहीं बन पाई मेरे " पापा "..
©jayanti Shailendra bajpai
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