*जिंदगी*
जिंदगी तू बड़ी उदास है,
कभी खुशियों से दूर तो कभी पास है।
जिंदगी की रफ्तार से आगे जाने की ख्वाहिश की है,
शायद इसी लिए कभी मंजील दूर तो कभी पास है ।
सफलता और असफलता के बीच की एक सीढ़ी को पा लूंगा,
यह सिर्फ एक सीढ़ी नहीं वक्त का ताज है।
ताज को पाना तो आसान नहीं,
सच कहूं तो ताज भी वक्त का मोहताज है।
उगते सूरज को जमाना सलाम करता है,
साथ वक्त है तो डूबते सूरज का भी प्रसाद (छठ) है।
समन्वय हो अपनों का तो राहें आसान लगती है,
वरना सच रहे तो जंगल के पथिक को तो अपनो पर भी न विश्वास है।
आज मर्म लिख दिया तो साथ न आना ए दुनिया वालों,
क्योकि कह के मिले तो निवाला भी विश का पात्र है।
कुछ अक्षम्य कर सकता हूं खुद पर विश्वास है,
जघन्य नहीं करूंगा क्योकि भगवान मेरे साथ है।
जीवन एक असत्य है मृत्यु सर्वदा सत्य है,
जीवन की कठनाइए भी समाप्त हे जाती है,
जब मृत्यु दुल्हन की तरह आपकी बाहों में लिपट जाती है।
हे राम! शब्दोच्चारण मात्र से आप स्थिल हो जाते है
सारी दुनियां जागती रहती है आप सो जाते हो ।
©️सचिन पाण्डेय Dedicated to अमन पाण्डेय 🖋
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