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"gumnam shayar ki khamosh jindagi ka har ek Pahlu"
रुक -ए -यार पे यह जुल्फें यू फिसल रही है....! कभी दिन निकल रहा है कभी रात ढल रही है.....?? • गुमनाम शायर •
Himanshu S. Chauhan[_gumnam_]
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सागर सी जिंदगी का बेहतरीन पन्ना हो तुम....! ख्वाब ही सही मगर दिल की तमन्ना हो तुम......?? • गुमनाम शायर •
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वास्ता ही नहीं रखा तो मुझ पर नजर क्यों रखते हो.... मैं किस हाल में जिंदा हूं तुम यह खबर क्यों रखते हो....? • गुमनाम शायर •
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मेरे साथ फिर से धोखा हुआ है_____ जिंदगी खत्म है समय बचा हुआ है____?? गुमनाम शायर@
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चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह.... ........ मगर मैं खामोश रहता हूं अपनी तकदीर की तरह.....??
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