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Poetry writer
Dharam Rohit kumar
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मैं तो इश्क़ हूँ मैं किधर जाऊँगा महकूगां हर तरफ बिखर जाऊँगा जुगनू की तरह टिम टिमा हुआ हर शब़ हर राह गुज़र जाऊँगा ढूंढोगे तो हर दिल में मिलूंगा मैं धड़कूंगा तो और निखर जाऊँगा मुसाफ़िर की मानिंद कुछ देर सही तुम जो कह दो ठहर जाऊँगा मौत का वक़्त मुक़र्रर हैं मिरा तुझ से मिल लू फिर मर जाऊँगा ©Dharam Rohit kumar
15 Love
इश्क में क्यूँ उदास रहता है उसका चेहरा तो पास रहता है ©Dharam Rohit kumar
12 Love
है फ़र्क़ बड़ा ऐ जान-ए-'रज़ा' दिल देने में दिल लेने में उल्फ़त का तअल्लुक़ जान के भी रिश्ते की नज़ाकत क्या जानो आले रज़ा रज़ा ©Dharam Rohit kumar
13 Love
चला जाता हूँ हँसता खेलता मौज-ए-हवादिस से अगर आसानियाँ हों ज़िंदगी दुश्वार हो जाए असग़र गोंडवी ©Dharam Rohit kumar
The Greatest Pleasure In Life Is Doing What People Say You Can’T Do. ©Dharam Rohit kumar
14 Love
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