#5LinePoetry एक सुबह होगी 😊😊
जब लोगों के कंधों पर ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं दफ्तर का बैग होगा,
गली में एंबुलेंस नहीं स्कूल की वैन होगी,
और भीड़ दवाखानो पर नहीं चाय की दुकानों पर होगी,
एक सुबह होगी ❤❤
जब पेपर के साथ पापा को काढ़ा नहीं चाय मिलेगी,
दादाजी बाहर निकल कर बेखौफ पार्क में गोते लगाएंगे,
और दादी टेरेस पर नहीं मंदिर में जल चढ़ाकर आएंगी,
एक सुबह होगी 😍😍
जब हाथोंं में कैरम और लूडो नहीं बैट और बॉल होगा,
मैदानों में सन्नाटा नहीं शोर का भार होगा,
शहरों की सारी पाबंदियां हटेगी और फिर से त्यौहार होगा,
एक सुबह होगी 🙏🙏
जब जी भर के सबको गले लगाएंगे,
कड़वी यादों को दफन कर फिर से मुस्कुराएं
एक सुबह होगी 😊😊😊😍..
©Akhilesh Vishwakarma
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here