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I am not a writer or poet , but situation makes me it to deal with my feeling
White मेरी ख़ामोशी में कितनी बातें थी मेरी आंखों में जागी कितनी रातें थी बातें मन की अक्सर कम ही बताता था अक्सर दर्द में भी मैं मुस्कुराता था देखकर भी सब कुछ अनदेखा करता था क्योंकि कुछ भी खोने से मैं डरता था सबका हाथ पकड़ कर मैं हमेशा लेकर साथ चलता था अक्सर अपनों के नाम पर मैं कितने चेहरे बदलता था हर हवास को मजबूरी कहकर टालता था अपनी से ज्यादा अपनों की खुशी पालता था हर रिश्ता एक दीवार था मैंने छत बनकर बनाया परिवार था हर दिन कोशिश करता था नहीं खुशी लाने की हर तरह की गमगीन से बचाने की तिनके तिनके से घर बनाना यह मेरा फर्ज था मुख्य होकर सबको बसाना यह मेरा दर्ज था ©anjali talks
anjali talks
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