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दर्द कितना है बता नहीं सकते, ज़ख़्म कितने हैं दिखा नहीं सकते, आँखों से समझ सको तो समझ लो, आँसू गिरे हैं कितने गिना नहीं सकते.
Shishant kumar
Saturday, 15 October | 04:31 am
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किस्मत यह मेरा इम्तेहान ले रही है तड़प कर यह मुझे दर्द दे रही है दिल से कभी भी मैंने उसे दूर नहीं किया फिर क्यों बेवफाई का वह इलज़ाम दे रही है। ©Shishant kumar
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बड़े ही अजीब हैं ये जिन्दगी के रास्ते, अनजाने मोड़ पर कुछ लोग अपने बन जाते हैं, मिलने की खुशी दें या न दें, मगर बिछड़ने का गम जरूर दे जाते ©Shishant kumar
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