हंस कर हर दर्द को सहा है, सिर्फ इस उम्मीद के साथ कि कल आज से बेहतर होगा.
खातिरदारी जैसी चीज में मिठास जरूर है, पर उसका ढकोसला करने में न तो मिठास है और न स्वाद
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जो मनुष्य एक पाठशाला खोलता है, वह एक जेलखाना बंद करता है.
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