English
किसी ने बददुआ दी थी मुझें बेमौत मरने की मगर आँचल तो मेरी माँ की मेरे सर पे रक्खी थी।। शाइर ,लेखक
Shiva Ji Sen Gold
72 View
उसे घर देखते हँसता तो हम भी हँसने लगते थे अगर वो दर्द में होता तो हम भी रोने लगते थे बुला लेता वो जिसको नर्म लहज़े से अगर अपनी निकलके कब्र से मुर्दे खुशी से चलने लगते थे। । ©Shiva Ji Sen Gold
9 Love
उसे गर देखते हँसता तो हम भी हँसने लगते थे अगर वो दर्द में होता तो हम भी रोने लगते थे तराशा था बड़ी फुर्सत से रब ने जादुई मूरत अगर आवाज वो देता तो बहरे सुनने लगते थे ।। ©Shiva Ji Sen Gold
7 Love
नजर से नजर का नजारा करेगें भरी बज्म में हम इशारा करेगें//१ गले से लगाना तुझें जुर्म है गर यही जुर्म तो हम दुबारा करेगें//२ पशेमान होकर मिलेगा हमें क्या खुदा जो भी देगा गुजारा करेगें//३ गली में बनाएँगे तेरे मकां हम वहीं दर्द का हर इजारा करेगें //४ सियासत की चलने लगीं है हवाएं गरीबो को नेता पुकारा करेगें//५ बहुत नाज करते हो जिनका "शिवाजी वहीं तुमसे इक दिन किनारा करेगें//६ ©Shiva Ji Sen Gold
सहारा कौन होगा उनकी बीबी बच्चों का मुर्शद हिफाजत में वतन की जिनका शौहर नही लौटा।। ©Shiva Ji Sen Gold
8 Love
१२२// १२२// १२२ //१२२ मुझे हाल दिल का बताया करो तुम बिना वज्ह ही मुस्कुराया करो तुम//१ बड़ा बेहया है ये जालिम जमाना बदन से न पल्लू गिराया करो तुम//२ परीजाद -सी है अदाएं तुम्हारी दिवाना न सबको बनाया करो तुम //३ जलन हो रही है जमाने को हमसे हमेशा यूँ छत पर न आया करो तुम//४ कहाँ तक करूँ जुस्तजू मैं तुम्हारी फ़लक से जमीं पे भी आया करो तुम//५ हमें तुम ने छोड़ा ये अच्छा हुआ, पर किसी को तो अपना बनाया करो तुम//६ जली रोटियाँ जो बनाई है तुमने इन्हें और बेहतर बनाया करो तुम//७ ©Shiva Ji Sen Gold
16 Love
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here