आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को आँखो से बिछड़ते देखा,
उसकी यादो मे दिल को जलते देखा
नींद भी आइ मुझको गहरी वाली और नींद में मैंने खुद को जगते देखा!
आज फिर ......!
आँखों से ओझल हो गया, टूटा हुआ कोई तारा था बहुत खास था वो बहुत प्यारा था,
आसमान मे सबसे अलग थी उसकी झलक
दीपक के समान मिटा रहा था वो अन्धीयारा था,
वो टूटा हुआ कोई तारा था s🌟
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