Krishnanand yadav (Bharatwarshi)

Krishnanand yadav (Bharatwarshi) Lives in Kushinagar, Uttar Pradesh, India

"नयन हमारे सीख रहे़ हैं छुपकर अश्रु बहाना"

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"आँसू को मुस्कान बनाती है बिटिया आँगन व दालान बनाती है बिटिया उसे पता है सेज सजी है कांटो की तकिए पर गुलदान बनाती है बिटिया "

#आंसू #thought  "आँसू को मुस्कान बनाती है बिटिया
आँगन व दालान बनाती है बिटिया
उसे पता है सेज सजी है कांटो की
तकिए पर गुलदान बनाती है बिटिया "

#आंसू को मुस्कान बनती है बिटिया......

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#PoetryOnline #पलक #poem  open mic challenge....

#PoetryOnline #पलक से मगर नीर बाहर ना आया...

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" तीन परिंदे उड़े तो आसमान रो पड़ा वो हंस रहे थे मगर सारा हिंदुस्तान रो पड़ा थे वो मां भारती के वीर त्रिदेव शहीद भगत, राजगुरु और सुखदेव " 23 मार्च 1931

#शहीद #Talk  " तीन परिंदे उड़े तो आसमान रो पड़ा 
वो हंस रहे थे मगर सारा हिंदुस्तान रो पड़ा
थे वो मां भारती के वीर त्रिदेव
शहीद भगत, राजगुरु और सुखदेव "

23 मार्च 1931

#शहीद भगत, राजगुरु और सुखदेव.....

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"जो अधूरे थे कल मेरे बिना आज पूरे नजर आ रहे हैं वो दे रहे हैं जख्म मीठा-मीठा मुझे न खुल के दिखाते प्यार न नफरत दिखा रहे हैं जो देखते थे मेरी नजरों से सारी दुनिया को वो आज मुझसे नजर भी न मिला रहे हैं तोड़ दिल मेरा देकर गहरे जख्म मुझे अपना दिल किसी और से लगा रहे हैं जिन्होंने तोड़ दी सारी हदें बेवफाई की कमबख्त वो आज मुझे बेवफा बता रहे हैं " by- Krishnanand Bharatwarshi krishnanandyadav68@gmail.com

 "जो अधूरे थे कल मेरे बिना 
आज पूरे नजर आ रहे हैं
वो दे रहे हैं जख्म मीठा-मीठा मुझे
न खुल के दिखाते प्यार न नफरत दिखा रहे हैं
जो देखते थे मेरी नजरों से सारी दुनिया को
वो आज मुझसे नजर भी न मिला रहे हैं 
तोड़ दिल मेरा देकर गहरे जख्म मुझे
अपना दिल किसी और से लगा रहे हैं 
जिन्होंने तोड़ दी सारी हदें बेवफाई की
कमबख्त वो आज मुझे बेवफा बता रहे हैं "

by- Krishnanand Bharatwarshi
krishnanandyadav68@gmail.com

बेवफा ही मुझे बेवफा बता रहे हैं............

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" कोरोना आइल बा भोजपुरी कविता" देश-विदेश शोर भईल चर्चा चहूंओर भईल ए भैया को रोना आईल बा देख रूप भयंकर एकर सभे लोग डेराइल बा बच-बच ए भैया कोरोना आईल बा ढकले रहे न मुंह अबतक जे ओकरा मुह पर मास्क देखाईल बा बा सभे परेशानी में लेकिन खाए वाला के मुर्गा सस्ताइल बा बच-बच ए भैया कोरोना आईल बा त्राहि-त्राहि मचल संसार में रूप प्रचंड ई देखवले बा लगल बहार कारोबारी के मास्क अउर सैनिटाइजर के नकली कारोबार धराइल बा बच- बच ए भैया कोरोना आईल बा खाए सांप गोजर बिच्छू पीए सूप चमगादड़ के बा केतना खतरनाक चाइनीज माल अब सबके ई बुझाईल बा बच-बच ए भैया कोरोना आईल बा By- Krishnanand Bharatwarshi krishnanandyadav68@gmail.com

#कोरोना  " कोरोना आइल बा भोजपुरी कविता"

देश-विदेश शोर भईल चर्चा चहूंओर भईल
ए भैया को रोना आईल बा
देख रूप भयंकर एकर सभे लोग  डेराइल बा
बच-बच ए भैया कोरोना आईल बा
ढकले रहे न मुंह अबतक जे ओकरा मुह पर मास्क देखाईल बा
बा सभे  परेशानी में लेकिन खाए वाला के मुर्गा सस्ताइल बा
बच-बच ए भैया कोरोना आईल बा
त्राहि-त्राहि मचल संसार में रूप प्रचंड ई देखवले बा
लगल बहार कारोबारी के मास्क अउर सैनिटाइजर के नकली कारोबार धराइल बा
बच- बच ए भैया कोरोना आईल बा
खाए सांप गोजर बिच्छू पीए सूप चमगादड़ के
बा केतना खतरनाक चाइनीज माल अब सबके ई बुझाईल बा
बच-बच ए भैया कोरोना आईल बा

By- Krishnanand Bharatwarshi
krishnanandyadav68@gmail.com

#कोरोना आईल बा...........😷😷

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 💘 💔 न जाने कौन-सी मजबुरी है जिससे वह मजबुर रहती है.......

न जाने क्यो वह मजबूर रहती है.......

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