English
Poet, Anchor, Motivational Speaker and Research Scholar
www.facebook.com/ramveer147
White सब कुछ पूरा हो जाता है, आंखे सब कुछ कह जाती हैं और शिकायत रह जाती हैं।। ।। बादल, बारिश, झरने, नदियां सावन में ऐसी उठकलियां भीगी भीगी आंखे जैसे मेरे गावों की वो गलियां उम्र बढ़ी में कस्ती जैसे, अब बहने से रह जाती है और शिकायत रह जाती है ।।१।। ¢ डा• रामवीर गंगवार . ©Ramveer Gangwar
Ramveer Gangwar
12 Love
तुम पर कितने गीत लिखे हैं आंखो में जितने चित्र उकेरे पुस्तक में सब लिख आए पर जीवन में कुछ राज अधूरे ¢ डा• रामवीर गंगवार पूरा गीत जल्द लिखने का प्रयास रहेगा... . ©Ramveer Gangwar
17 Love
प्यास भरी कैसी सागर में जो नदियों से बुझती कब है इतना खारा जल धरती पर मैं कैसे अब ला पाऊंगा सागर प्यासे नदियां मीठी व्याकुलता में सदियां बीती नभ भी सारे काले होते कालन्तर से बात अनूठी इतनी रोती आंखे से मैं आंसू कैसे हर पाऊंगा इतना खारा जल धरती पर मैं कैसे अब ला पाऊंगा ¢ डा• रामवीर गंगवार . ©Ramveer Gangwar
11 Love
When somebody said : What is the different between us? We both are in the same place. Me : You are here in your golden period but I am here in my struggling days; and mine Golden period yet has to come. ¢ Dr. Ramveer Gangwar . ©Ramveer Gangwar
15 Love
दिल्ली वालो क्या समझोगे प्रेम रमण की तुम परिभाषा कस्बे का यह अल्हड़ लड़का अपने गांव चला जायेगा ¢ डा• रामवीर गंगवार . ©Ramveer Gangwar
मिलेंगे फिर से कल, कल फिर मुलाकाते होंगी फिर वही सबिस्ता होगा, फिर वही राते होंगी हम दोनो चुप रहेंगे, ये नादान दिल शोर करेगा बस देखेंगे एक दूसरे को, आंखो से बातें होंगी ¢ डा• रामवीर गंगवार . ©Ramveer Gangwar
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here