Shabnam Priya

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White थोड़ा सोचूँ फिर एक बात लिखूं , जज्बात लिखूं या हालात लिखूं... तेरे इश्क को अपने साथ लिखूं , या मेरे हाथों में तेरा हाथ लिखूं... तुझे देखुँ फिर तेरी बात लिखूं , तारीफ लिखूं या फ़रियाद लिखूं... तेरे पीछे खुद को आबाद लिखूं , या तन्हाई में खुद को बर्बाद लिखूं... तुझे दिन या खुद को रात लिखूं , बता आज कौन - सी बात लिखूं...!! ©Shabnam Priya

#कविता  White थोड़ा सोचूँ फिर एक बात लिखूं  , 
जज्बात लिखूं या हालात लिखूं... 

तेरे इश्क को अपने साथ लिखूं  , 
या मेरे हाथों में तेरा हाथ लिखूं... 

तुझे देखुँ फिर तेरी बात लिखूं  , 
तारीफ लिखूं या फ़रियाद लिखूं... 

तेरे पीछे खुद को आबाद लिखूं  , 
या तन्हाई में खुद को बर्बाद लिखूं... 

तुझे दिन या खुद को रात लिखूं  , 
बता आज कौन - सी बात लिखूं...!!

©Shabnam Priya

White थोड़ा सोचूँ फिर एक बात लिखूं , जज्बात लिखूं या हालात लिखूं... तेरे इश्क को अपने साथ लिखूं , या मेरे हाथों में तेरा हाथ लिखूं... तुझे देखुँ फिर तेरी बात लिखूं , तारीफ लिखूं या फ़रियाद लिखूं... तेरे पीछे खुद को आबाद लिखूं , या तन्हाई में खुद को बर्बाद लिखूं... तुझे दिन या खुद को रात लिखूं , बता आज कौन - सी बात लिखूं...!! ©Shabnam Priya

9 Love

White हम "इश्क" नहीं लिखते... अदा लिखते हैं... जब "देखते" हैं तुम्हे तो... दुआ लिखते हैं... अगर "देखले " तुझे... मेरी आँखों से कोई... जान "जायेंगे" हम किसे... अपनी जान लिखते हैं...!! ©Shabnam Priya

#कविता  White हम "इश्क" नहीं लिखते... 
अदा लिखते हैं... 

जब "देखते" हैं तुम्हे तो... 
दुआ लिखते हैं... 

अगर "देखले " तुझे... 
मेरी आँखों से कोई... 

जान "जायेंगे" हम किसे... 
अपनी जान लिखते हैं...!!

©Shabnam Priya

White हम "इश्क" नहीं लिखते... अदा लिखते हैं... जब "देखते" हैं तुम्हे तो... दुआ लिखते हैं... अगर "देखले " तुझे... मेरी आँखों से कोई... जान "जायेंगे" हम किसे... अपनी जान लिखते हैं...!! ©Shabnam Priya

15 Love

White कमियाँ तो मुझमें बहुत है, पर मैं बेईमान नहीं ..... मैं सबको अपना मानती हूँ, सोचती हूँ फायदा या नुकसान नहीं... एक शौक है शान से जीने का, कोई और मुझमें गुमान नहीं... छोड़ दूं बुरे वक्त में अपनों का साथ, वैसी तो मैं इंसान नहीं.....!! ©Shabnam Priya

#विचार  White कमियाँ तो मुझमें बहुत है, 
पर मैं बेईमान नहीं ..... 

मैं सबको अपना मानती हूँ, 
सोचती हूँ फायदा या नुकसान नहीं... 

एक शौक है शान से जीने का, 
कोई और मुझमें गुमान नहीं... 

छोड़ दूं बुरे वक्त में अपनों का साथ, 
वैसी तो मैं इंसान नहीं.....!!

©Shabnam Priya

12 Love

White आंसू न होते तो आंखें इतनी खुबसूरत न होती, दर्द न होता तो खुशी की कीमत न होती, अगर मिल जाता सब कुछ केवल चाहने से, तो दुनिया में "ऊपर वाले " की जरूरत ही न होती..!! ©Shabnam Priya

#indian_akshay_urja_day #कविता  White आंसू न होते तो आंखें इतनी खुबसूरत न होती, 

दर्द न होता तो खुशी की कीमत न होती, 

अगर मिल जाता सब कुछ केवल चाहने से, 

तो दुनिया में "ऊपर वाले " की जरूरत ही न होती..!!

©Shabnam Priya

White कुछ "ख़्वाहिशें" हैं, कुछ "फरमाईशें" हैं... दो पल की है, जिंदगी कितनी "आजमाईशें" हैं... ©Shabnam Priya

#शायरी  White कुछ "ख़्वाहिशें" हैं, कुछ "फरमाईशें" हैं...
दो पल की है, जिंदगी कितनी "आजमाईशें" हैं...

©Shabnam Priya

White कुछ "ख़्वाहिशें" हैं, कुछ "फरमाईशें" हैं... दो पल की है, जिंदगी कितनी "आजमाईशें" हैं... ©Shabnam Priya

10 Love

#कविता  जब हम रो नहीं पाते
सुख से सो नहीं पाते
जब हम खो नहीं पाते 
तब बचपन याद आता है ,

जब चिंता सताती है
हमारे तन को खाती है 
जब भी मन नहीं मिलता 
तब बचपन याद आता है ,
 
जब हम टूट जाते हैं
जब अपने रूठ जाते हैं
जब सपने सताते हैं
तब बचपन याद आता हैं ,

बच्चे रह नहीं पाते 
बड़े हम हो नहीं पाते  
खड़े भी रह नहीं पाते 
तब बचपन याद आता है ,

किसी को सह नहीं पाते 
अकेले रह नहीं पाते
किसी से कह नहीं पाते
तब बचपन याद आता है ...!!

©Shabnam Priya

जब हम रो नहीं पाते सुख से सो नहीं पाते जब हम खो नहीं पाते तब बचपन याद आता है , जब चिंता सताती है हमारे तन को खाती है जब भी मन नहीं मिलता तब बचपन याद आता है , जब हम टूट जाते हैं जब अपने रूठ जाते हैं जब सपने सताते हैं तब बचपन याद आता हैं , बच्चे रह नहीं पाते बड़े हम हो नहीं पाते खड़े भी रह नहीं पाते तब बचपन याद आता है , किसी को सह नहीं पाते अकेले रह नहीं पाते किसी से कह नहीं पाते तब बचपन याद आता है ...!! ©Shabnam Priya

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