English
कलम की नोक के इशारों पर चलता मुसाफ़िर हूँ मैं
https://www.facebook.com/akki.sharma.7311352
आकाश "राहिल"
Tuesday, 2 February | 09:00 pm
58 Bookings
मैं एहसासों से खेलूँ, हिदायत नहीं हैं तोड़ने की हमारे यहां रिवायत नहीं है भला कैसे हो जाए अब नाराज़ तुमसे हमें मोहब्बत नहीं है शिकायत नहीं है किसी करीबी ने बुना था जाल वरना वज़ीरों से मरना मेरी फितरत नहीं है नब्ज़ ना टटोलो यारों,अलविदा कहदो मुझमें अब बाकी कोई हरकत नहीं है खैर छोड़ो ये मसला अब जाने भी दो "राहिल" को रुकने की आदत नहीं है ©आकाश "राहिल"
44 Love
उर्दू का मानो एक वारिस चला गया इल्म मोहब्बत का खालिस चला गया सभी को "जाने का नहीं" बोल कर खुद छोड़कर हमें बेहिस चला गया
25 Love
कितना उदास खड़ा है ये बारिश का पानी आज के बच्चे कश्तियाँ बनाना नहीं जानते
34 Love
कितने बेगै़रत होते है, ये मतलबी लोग है अपनों के ही भेस में, सब अजनबी लोग नफरत के चूल्हे पर रोटियाँ, सेक-सेक कर मेरा तो मुल्क खा गए, कुछ मज़हबी लोग
48 Love
तुम कहते हो जो भी, सब मान लेते है हम सच कहूँ तो हर झूठ , पहचान लेते है हम
51 Love
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here