Alone कैसी हो जरा अपना हाल बताया करो,
पास नहीं तो ख्वाब में बताया करो।
देखू अपने चांद को किसी बहाने,
छत पर अपने गीले बाल सुखाया करो।
हिचकियां भी अब नहीं आता रोज,
सप्ताह में एक दिन याद कर लिया करो।
चलू मैं तेरे कदमों के निशान पर,
रास्तों में कदमों के निशान छोड़ा करो।
तेरी घुंघराले बालों का क्या कहना,
कभी-कभी तुम खुले बालों में रहा करो।
माना बहुत हैं तेरे चाहने वाले अपने,
मनु को भी कभी अपनापन जताया करो।
✍MB
©MB DIARY
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