शोके कलाम ले गया मोसा को तुर पर
में कितना बदनसीब हूं मस्जिद ना जासका
दुआओं का तालिब रियाज अहमद
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इनसान करूना से कहता है
बहुत डरता हूँ में तुम से करूना
खुदारामेरा पिछा मतकरूना
हमारी जान लेकर किया मिलें गा
करूना यार ऐसा मत करूना
करूना इनसान से कहता है
अगर इतना ही तुम डरते हो भैया
खुदा की याद अब जियादा करूना
चलो छोड़ो गुनाह अगर डर रहे हो
खुदा से दिल से तुम तोबा करूना
अगर तुम खोफ रखते हों खुदा का
तों पाँच वक्त की नमाज़ अब तुम बढोना
हमारेहीं गुनाह हों की सज़ा है
माफी मांगो सब तोबा करूना
जो दौलत ज़मा तुम करतें हों
गरीबो पर कभी खर्च करूना
इबादत की तुम है फुर्सत नहीं है
कभी मस्जिद में भी जाया करूना
नबी का कोल हैं सदका दिया करु
यतीमो पर भी अब कुछ खर्च करूना
अगर बचना है तुमको वायरस से
तों अल्लाह के अहकामो को पूरा करूना
दुआ का तालिब रियाज अहमद भगवानपुर
इनसान करूना से कहता है
बहुत डरता हूँ में तुम से करूना
खुदारामेरा पिछा मतकरूना
हमारी जान लेकर किया मिलें गा
करूना यार ऐसा मत करूना
करूना इनसान से कहता है
अगर इतना ही तुम डरते हो भैया
खुदा की याद अब जियादा करूना
चलो छोड़ो गुनाह अगर डर रहे हो
खुदा से दिल से तुम तोबा करूना
अगर तुम खोफ रखते हों खुदा का
तों पाँच वक्त की नमाज़ अब तुम बढोना
हमारेहीं गुनाह हों की सज़ा है
माफी मांगो सब तोबा करूना
जो दौलत ज़मा तुम करतें हों
गरीबो पर कभी खर्च करूना
इबादत की तुम है फुर्सत नहीं है
कभी मस्जिद में भी जाया करूना
नबी का कोल हैं सदका दिया करु
यतीमो पर भी अब कुछ खर्च करूना
अगर बचना है तुमको वायरस से
तों अल्लाह के अहकामो को पूरा करूना
दुआ का तालिब रियाज अहमद भगवानपुर
इनसान करूना से कहता है
बहुत डरता हूँ में तुम से करूना
खुदारामेरा पिछा मतकरूना
हमारी जान लेकर किया मिलें गा
करूना यार ऐसा मत करूना
करूना इनसान से कहता है
अगर इतना ही तुम डरते हो भैया
खुदा की याद अब जियादा करूना
चलो छोड़ो गुनाह अगर डर रहे हो
खुदा से दिल से तुम तोबा करूना
अगर तुम खोफ रखते हों खुदा का
तों पाँच वक्त की नमाज़ अब तुम बढोना
हमारेहीं गुनाह हों की सज़ा है
माफी मांगो सब तोबा करूना
जो दौलत ज़मा तुम करतें हों
गरीबो पर कभी खर्च करूना
इबादत की तुम है फुर्सत नहीं है
कभी मस्जिद में भी जाया करूना
नबी का कोल हैं सदका दिया करु
यतीमो पर भी अब कुछ खर्च करूना
अगर बचना है तुमको वायरस से
तों अल्लाह के अहकामो को पूरा करूना
दुआ का तालिब रियाज अहमद भगवानपुर
koai jal main meri tarah be qarar na ho
khuda kare kisi ko kisi se piyar na ho
wo jan hi kiya jo teri be rokhi pe ho na phida
wo dil hi kiya jo tere husn par nisar na ho
aap ka ham safr riyaz Ahmad
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