vikas (अज्ञानी)

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Vikas bhai , love you all my nozoto friends

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White मैंने ख्वाबों में बरसौ तरासा जिसे! तुम वही संग-ए-मरमर की तस्वीर हो!! तुम ना समझो तुम्हारा मुकद्दर हूं मैं! मैं समझता हूं तुम मेरी तकदीर हो!! ©vikas (अज्ञानी)

#फ़िल्म #rajdhani_night  White मैंने ख्वाबों में बरसौ तरासा जिसे!
तुम वही संग-ए-मरमर की तस्वीर हो!!
तुम ना समझो तुम्हारा मुकद्दर हूं मैं!
 मैं समझता हूं तुम मेरी तकदीर हो!!

©vikas (अज्ञानी)
#शायरी #goodnightimages  White kash wo lout aaye 
 mujhse ye kahne ki..
tum hote kon ho mujhse bichhadne wale 

i am waiting my love

©vikas (अज्ञानी)
#शायरी  उठती ही नहीं ये निगाहें अब किसी और की तरफ!
 एक शख्स के दीदार ने हमें इतना पाबंध कर दिया है!!

©vikas (अज्ञानी)

उठती ही नहीं ये निगाहें अब किसी और की तरफ! एक शख्स के दीदार ने हमें इतना पाबंध कर दिया है!! ©vikas (अज्ञानी)

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#लव  मीलों दूर से तुम्हें कोई महसूस कर रहा है
 मिले बिना ही तुमसे मोहब्बत खूब कर रहा है

©vikas (अज्ञानी)

मीलों दूर से तुम्हें कोई महसूस कर रहा है मिले बिना ही तुमसे मोहब्बत खूब कर रहा है ©vikas (अज्ञानी)

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#शायरी  जीवन में जब मनपसंद इंसान की कमी होती है जाकर देखो हस्ती हुई आंखों में भी नहीं होती है

©vikas (अज्ञानी)

जीवन में जब मनपसंद इंसान की कमी होती है जाकर देखो हस्ती हुई आंखों में भी नहीं होती है ©vikas (अज्ञानी)

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#शायरी  सुना है जान जाती है बिछड़ के अपने दिलबर से
कैसा होता है दर्द ए-इश्क  हुनर ये आजमाना था!
गगन के हूं अभी नीचे कहीं एक आशियाना था
तुम्हारे साथ क्या चलता मुझे घर भी बनाना था
कई मुक्तक लिखे हैं मैंने तेरी प्रीत में जानम!!
सुखनबर हो गया मैं भी ज़माने को दिखाना था
मैं खुद को भूल बैठा हूं; मुझे तुम गैर ना समझो
मुकद्दस है प्यार मेरा यही तुमको बताना था
तुम्हारे बिन न जीता हूं बस शब ए गम आहे भरता हू
गुजारिश है मुझे दे दो मेरा जो भी ख़जाना था

©vikas (अज्ञानी)

सुना है जान जाती है बिछड़ के अपने दिलबर से कैसा होता है दर्द ए-इश्क हुनर ये आजमाना था! गगन के हूं अभी नीचे कहीं एक आशियाना था तुम्हारे साथ क्या चलता मुझे घर भी बनाना था कई मुक्तक लिखे हैं मैंने तेरी प्रीत में जानम!! सुखनबर हो गया मैं भी ज़माने को दिखाना था मैं खुद को भूल बैठा हूं; मुझे तुम गैर ना समझो मुकद्दस है प्यार मेरा यही तुमको बताना था तुम्हारे बिन न जीता हूं बस शब ए गम आहे भरता हू गुजारिश है मुझे दे दो मेरा जो भी ख़जाना था ©vikas (अज्ञानी)

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