एक प्याली चाय
कितनों को मिलाए
कभी बिगड़ी बात बनाए तो
कभी गप सप में उलझाए
जी हां एक प्याली चाय
कभी अदरक के साथ घुल जाए तो
कभी चीनी नींबू और
करारी चार दने पत्तियों में बन जाए
यही एक प्याली चाय
सुबह की नींद भी भगाए
और दफ्तर के थको को
एक धुंट में ही चुस्ती दिलाए
जी हां एक प्याली चाय
जब बारिश में पकोड़ो की साथी बन जाए
ठंडी हवाएं और बारिश की बूंदों के बीच
इसकी चुस्की और कहकहे किसे ना भाए
उफ्फ ये एक प्याली चाय
थोड़ी कड़क थोड़ी मीठी
जब बोन चाइना या मिट्टी के
कुल्हड़ में परोसी जाए
तो ना जाने हम जैसे कितने ही
चाय प्रेमियों को लुभाएं।
दीपशिखा
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