कैसे लिख दूँ व्याकुल मन से गीत कोई नया
सुना है कल रात मै जी भर के रोया था
कैसे कह दूँ टूटे दिल से अल्फ़ाज़ कोई नया
सुना है उनके घर मे मेहमान कोई नया आया है
कैसे सोए जलमग्न नयन से
सुना है किसी ने बहुत रुलाया है
वही जो तुमने पराया कर दिया
वो पसीना जो तुम्हारे माथे से लुढक कर मोती सा चमका
परिवार की जरूरतों के लिये तुम्हारा पेट काटना
रास्ते में मिले रूपये का ईमानदारी से लौटा देना
रूखी-सुखी खाकर सो जाना
तेरा वो बच्चों के लिए हंसते हंसते दर्द झेल जाना
तुम्हारा वो ईमानदारी से चुपचाप शहीद हो जाना
सच्चा धन नही तो क्या है......................?????
प्रेम है आपसे बहुत पर
बता नही सकते
सामने ही तो रहते हो मेरे पर
जता नही सकते
दर्द अब बहुत बढ गया है दिल का पर
मलहम हम खुद लगा नहीं सकते
देखी ना गई खुशी लोगो से हमारी पर
किस्मत का लिखा हम मिटा नहीं सकते
सच बोल कर गुनाह कर दिया
मैने सच मे सरेआम कर दिया
मुहब्बत थी उनसे तो कुछ छुपा न पाया
खूद को सच कहने से रोक न पाया
बस यही अपराध मैने आज कर दिया
सच बोल कर गुनाह कर दिया
मैने सच मे सरेआम कर दिया
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