गिरेबां चाक करना क्या है, सीना और मुश्किल है
हर पल मुस्कुरा के अश्क , पीना और मुश्किल है
हमारी बदनसीबी ने हमें इतना सिखाया है
किसी के इश्क में मरने से ,जीना और मुश्किल है
~ कुमार विश्वास
जो शम्मे आरज़ू मैंने जलाई ,तुम नहीं आए
तुम्हारी याद ही तड़पाने आई, तुम नहीं आए
तुम्हारी राह तक तक कर मेरी पथरा गई आंखे
सितारों ने हंसी मेरी उड़ाई तुम नहीं आए
उठाए फिर रहा हूं हसरतों की लाश कांधों पर
गमों की आग अश्कों ने बुझाई तुम नहीं आए
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