diya the poetter

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खुद को किसी की अमानत समझ कर वफादार रहना ही इश्क है ©diya the poetter

#SAD  खुद को किसी की अमानत 
समझ कर 
वफादार रहना ही इश्क है

©diya the poetter

खुद को किसी की अमानत समझ कर वफादार रहना ही इश्क है ©diya the poetter

8 Love

कोई पाने के लिए तरस गया तो किसी ने पाने के बावजूद भी कद्र न की ©diya the poetter

 कोई पाने के लिए तरस गया तो 
किसी ने पाने के बावजूद भी कद्र न की

©diya the poetter

कोई पाने के लिए तरस गया तो किसी ने पाने के बावजूद भी कद्र न की ©diya the poetter

13 Love

White नई सुबह एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है सूर्य सिर पे चढ़ता है । मानव नित नए आयाम रचता है महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है भंवरे गीत सुनाते है। नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है। मां की रसोई महकती है दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं। दिया आर्या (दक्षिता) ©diya the poetter

#poem  White नई सुबह 

एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है 
जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है 
सूर्य सिर पे चढ़ता है ।
मानव नित नए आयाम रचता है
महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है 
भंवरे गीत सुनाते है।
नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है।
मां की रसोई महकती है 
दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है 
नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है 
घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है 
नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं।
     दिया आर्या (दक्षिता)

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#poem

10 Love

White हजारों पत्नियां मिल कर भी एक प्रेमिका की जगह नहीं ले सकती है ©diya the poetter

 White हजारों पत्नियां मिल कर भी 
एक प्रेमिका की जगह नहीं ले 
सकती है

©diya the poetter

White हजारों पत्नियां मिल कर भी एक प्रेमिका की जगह नहीं ले सकती है ©diya the poetter

11 Love

#पौराणिककथा  सच्चे प्रेम की परिभाषा यदि शादी ही होती 

तो रुक्मणि की जगह आज राधा होती

वो हर पल अपने प्रेम को किसी और के संग 

देख रोई  ना होती 

वो पल - पल तड़पी ना होती

©diya the poetter

सच्चे प्रेम की परिभाषा यदि शादी ही होती तो रुक्मणि की जगह आज राधा होती वो हर पल अपने प्रेम को किसी और के संग देख रोई ना होती वो पल - पल तड़पी ना होती ©diya the poetter

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हर पल सुहाना था । जब पास उसका अफसाना था सायद कुछ कमियां मेरी ही थी। जो बात - बात पर लड़ जाती थी। पर वो भी तो ना समझ बड़ा था। उसे ये न पता था कि उसका होना मेरे लिए आसमा मे चांद सा जरूरी था wRiTeR DiYu ©diya the poetter

#ज़िन्दगी  हर पल सुहाना था ।
जब पास उसका अफसाना था 
सायद कुछ कमियां मेरी ही थी। 
जो बात - बात पर लड़ जाती थी।
पर वो भी तो ना समझ बड़ा था।
उसे ये न पता था कि उसका होना मेरे लिए आसमा मे चांद सा जरूरी था 
wRiTeR DiYu

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हर पल सुहाना था । जब पास उसका अफसाना था सायद कुछ कमियां मेरी ही थी। जो बात - बात पर लड़ जाती थी। पर वो भी तो ना समझ बड़ा था। उसे ये न पता था कि उसका होना मेरे लिए आसमा मे चांद सा जरूरी था wRiTeR DiYu ©diya the poetter

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