English
मेरे हिस्से में तू नहीं तो क्या हुआ तेरी यादों पर तो मेरा हिस्सा है। मेरे किस्सों में शायद अब तू नहीं पर ज़हन तेरा हर किस्सा है। यादों की किताब में दफन कर चुका हिस्सा है। वो तो वक़्त ही कुछ ऐसा है जो तू अब बस एक किस्सा है।। ©Shubham Verma
Shubham Verma
8 Love
तेरी खुशबू से खिंचा चला आता हूं। तेरे रंग में ही रंग जाता हूं। तेरी उड़ती हुई रुह मेरी रूह को छू जाती है। जब तक तुझे लबों से ना लगा लूं मुझे चैन कहा आता है। ©Shubham Verma
किताबों के उन चुनिंदा ढेर में से हूं। खुलता हूं तो समझ से परे हूं। बंद हूं तो बस धूल भरा ढेर हूं। ©Shubham Verma
9 Love
आज सिरहाने ने सिर से लगने पर सवाल उठाया। अब क्या उसने खयालों पर भी पर्दा कर दिया ।। ©Shubham Verma
12 Love
ऐसा क्या है उसके पास जो तुम्हें नहीं पता। ऐसा क्या है उसमें जो उसे नहीं दिखता। कभी अपने घर में देखते नजर उठा कर। शायद नजरिया बदलता। किसी और घर की है वो। पर तुम्हारी भी कुछ ज़िम्मेदारी है। समझना चाहोगे तो समझ जाओगे। अगर अप्सरा दिखती है उसमें मत भूलना कि काली भी नारी है। आज किसी और कि थी तो कल शायद तुम्हारे घर की बारी है। ©Shubham Verma
13 Love
इक एहसास जीता हूं तेरा होने का। इक आस रखता हूं तुझमें खोने का। लगता है नींद से मोहब्बत तो तय है। हर रात ख्वाब देखता हूं तेरा होने का।। ©Shubham Verma
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