Rakhi Bisht

Rakhi Bisht Lives in Bengaluru, Karnataka, India

खुद के बारे में मैं क्या बताऊँ, जमाना हर रोज मेरी बात करता है।

www.instagram.com/rakhibisht88871/

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Consisting two sides itself, a coin gives a chance to choose It totally depends on us, want to get one or willing to refuse. Head will come to you, if coin hide the tail If tail will go with you, surely head will fail. Same the evilness and virtue are two reflection of human etiquette Tied up with each other in oppositon to the universe sake. ©Rakhi_Bisht

#Rules #Coins  Consisting two sides itself, a coin gives a chance to choose
It totally depends on us, want to get one or willing to refuse.

Head will come to you, if coin hide the tail
If tail will go with you, surely head will fail.

Same the evilness and virtue are two reflection of human etiquette
Tied up with each other in oppositon  to the universe sake.

©Rakhi_Bisht

#Rules #Coins

17 Love

Wait for the right time as long as you can, Hold the useful things as tight as you can, Leave the waste as fast as you can, Longer, tighter and faster if you will understand these words, you can definitely find the origin of success. ©Rakhi_Bisht

#understanding #Motivation #thought #Quote  Wait for the right time as long as you can,
Hold the useful things as tight as you can,
Leave the waste as fast as you can,

Longer, tighter and faster if you will understand these words, you can definitely find the origin of success. 

©Rakhi_Bisht

We can not teach the turtle to move fast, we can not ask to lion to eat grass, same way we can neither make those stupid people understand nor force them to stay home. They are compelled with their bullshit habit. @Rakhi_Bisht

#stayhome #Request #humble  We can not teach the turtle to move  fast, we can not ask to lion to eat grass, same way we can neither make those stupid people understand nor force them to stay home. They are compelled with their bullshit habit.

@Rakhi_Bisht

#Pehlealfaaz तब वो टूटी पगडंडी याद आती है गाँव की जो छोटी थी जरा कच्ची थी अभी भी पर भटकाती नहीं थी मुझे मेरी राह से। (read in caption)

#Pehlealfaaz  #Pehlealfaaz 

तब वो टूटी पगडंडी याद आती है गाँव की
जो छोटी थी जरा
कच्ची थी अभी भी
पर भटकाती नहीं थी मुझे मेरी राह से।

(read in caption)

#Pehlealfaaz अकसर चलते हुए शहर की सड़क के किसी मोड़ पर, जब सोच में पड़ जाऊँ कि जाना किस और है तो हज़ार लोगों के प्रतिबिंब दिखते है। मेरी तरफ आते हुए

9 Love

#OpenPoetry कोई एक चुन लें:- अगर तू है,तो देख मुझे अगर सुनता है अभी भी, तो सुन मुझे। वही हूँ क्या मैं ?? जिसे तूने बनाया था। चौंक मत जाना, सिर्फ पहचान लेना। मेरा रास्ता तूने लिखा था ना... अपनी कलम से तो क्यों मुझे कुचला गया यहाँ पे। मैं हूँ धरा का अनमोल रतन तूने कहा था ना... फिर क्यों मुझे बेचा गया यहाँ पे। मेरे बिन समस्त जग है अधूरा, पुरुष भी आधा सा... तो क्यों मुझे कैद किया गया यहाँ पे। तेरा ही तो विस्तार हूँ मैं, नए जन्म का आधार हूँ मैं फिर मुझे क्यों अधमरा कर दिया यहाँ पे। दुर्गा, काली और ना जाने कितने स्वरूप बनाये तूने फिर क्यों मुझे कुरूप कर दिया यहाँ पे। कुछ और तुझे क्या कहूँ तू तो अन्तर्यामी है सब पता है तुझे पर, करता कुछ नहीं। मैं ना सीता हूँ, जो धरती में समा जाती। न ही अहिल्याबाई, जो पत्थर बन जाती। है अस्तित्व कायम तेरा आज भी तो मेरी एक बात सुन ले। चाहिए पुरुष तुझे या मैं, कोई एक चुन लें। तेरी सबसे उत्कृष्ट कला का लोगों को यहाँ भान नहीं, ना मिली थी कदर मुझे यहाँ अब मेरा यहाँ कोई मान नहीं।

#OpenPoetry #Women  #OpenPoetry कोई एक चुन लें:-

अगर तू है,तो देख मुझे
अगर सुनता है अभी भी, तो सुन मुझे।
वही हूँ क्या मैं ??
जिसे तूने बनाया था।
चौंक मत जाना, सिर्फ पहचान लेना।
मेरा रास्ता तूने लिखा था ना...
अपनी कलम से
तो क्यों मुझे कुचला गया यहाँ पे।
मैं हूँ धरा का अनमोल रतन
तूने कहा था ना...
फिर क्यों मुझे बेचा गया यहाँ पे।
मेरे बिन समस्त जग है अधूरा,
पुरुष भी आधा सा...
तो क्यों मुझे कैद किया गया यहाँ पे।
तेरा ही तो विस्तार हूँ मैं,
नए जन्म का आधार हूँ मैं
फिर मुझे क्यों अधमरा कर दिया यहाँ पे।
दुर्गा, काली और ना जाने 
कितने स्वरूप बनाये तूने
फिर क्यों मुझे कुरूप कर दिया यहाँ पे।
कुछ और तुझे क्या कहूँ
तू तो अन्तर्यामी है
सब पता है तुझे पर, करता कुछ नहीं।
मैं ना सीता हूँ,
जो धरती में समा जाती।
न ही अहिल्याबाई, 
जो पत्थर बन जाती।
है अस्तित्व कायम तेरा आज भी 
तो मेरी एक बात सुन ले।
चाहिए पुरुष तुझे या मैं,
कोई एक चुन लें।
तेरी सबसे उत्कृष्ट कला का
लोगों को यहाँ भान नहीं,
ना मिली थी कदर मुझे यहाँ
अब मेरा यहाँ कोई मान नहीं।
#terimerikahani #erotica #poem
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