लॉकडाउन #प्रेम
अगर आसमाँ तक मेरे हाथ जाते तो कदमों मे तेरे सितारे बिछाते
तू जो कह दे तो चाँद तारे तोड़ लाऊँगा मै
कभी -कभी तो लगता है कि इन शायरों और कवियों ने कितना जटिल बना दिया है.....प्रेम को😞
जबकि ये है...
कितना सरल
जैसे कि...
जब तक तुम ब्रश कर रही हो,
मै चाय बना लेता हूँ....साथ बैठकर पियेंगे🥰
तुम नाश्ता बनाओ तब तक मै पोछा लगा देता हूँ,
या फिर जब तक मै बच्चों को पढा रहा हूँ ,
तुम छत पर टहल लो और मोबाईल भी लेती जाओ ...
बात के साथ -साथ अपने घर वालों से मेरी चुगली भी कर लेना😂
खामखा !! इतने सरल प्रेम को इतना दूरूह बना रखा था
सबने 🤓
पर उमीद है कि हर पति पत्नी के लिए
लॉकडाउन में प्रेम का सही मतलब समझना....पाजिटिव साईड रहा होगा😊😊
निहारिका सिंह "अद्विका"
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