उसने कहा मुझ पर आज कोई बात लिखों,
और मुझे न पा सकें इतनी अपनी औकात लिखों |
तो फिर आज तेरी ही बात लिखता हूँ,
तुझको कल और खुद को आज लिखता हूँ |
और ये अल्फाज जो तेरी जुबां पर आने से कतराते है,
उन्हीं को मैं अपनी कलम से बेबाक लिखता हूँ |
तुझको कल और खुद को आज लिखता हूँ.....
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