Abhilekha Ambasth

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कवियत्री

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#Quotes  शहर गु़जायमान है,जरूर कोई हादसा दरमियां है,वरना कहां कोई शोर,और कहां कोई हूजूम।

©Abhilekha Ambasth

शहर गु़जायमान है,जरूर कोई हादसा दरमियां है,वरना कहां कोई शोर,और कहां कोई हूजूम। ©Abhilekha Ambasth

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#Quotes  प्रकृति  ने हमे सबकुछ दिया है ,पर हम उतना ही पाते है,जितना कि प्रकृति को देने की क्षमता रखते है।

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प्रकृति ने हमे सबकुछ दिया है ,पर हम उतना ही पाते है,जितना कि प्रकृति को देने की क्षमता रखते है। ©Abhilekha Ambasth

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#Quotes  न पाने की चाहत न खोने का गम,यही विचारधारा आपको कामयाबी दिलाएगी

©Abhilekha Ambasth

न पाने की चाहत न खोने का गम,यही विचारधारा आपको कामयाबी दिलाएगी ©Abhilekha Ambasth

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#Quotes  कुछ ख़ता तो हवाओं ने भी की वरना ये बादल बिन बरसे न जाते,
तफती धरा की प्यास बढ़ाने की वजह ये हवाएं ही है।

©Abhilekha Ambasth

कुछ ख़ता तो हवाओं ने भी की वरना ये बादल बिन बरसे न जाते, तफती धरा की प्यास बढ़ाने की वजह ये हवाएं ही है। ©Abhilekha Ambasth

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#Quotes  हर खूबसूरत मंजिल के पीछे दर्द भरे कांटे राहो पे जरुर बिछे रहते है,
हर मुस्कुराते हुए  लोग खुश नही रहते।

©Abhilekha Ambasth

हर खूबसूरत मंजिल के पीछे दर्द भरे कांटे राहो पे जरुर बिछे रहते है, हर मुस्कुराते हुए लोग खुश नही रहते। ©Abhilekha Ambasth

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#Quotes  समय के साथ बहते रहिए,जैसे बहे नदिया की धार,
कांकर पाथर मत चुनिए चलिये पांव पसार,सागर मे मिलना हो तो रखिए हृदय विशाल ।

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समय के साथ बहते रहिए,जैसे बहे नदिया की धार, कांकर पाथर मत चुनिए चलिये पांव पसार,सागर मे मिलना हो तो रखिए हृदय विशाल । ©Abhilekha Ambasth

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