#आहतबोल
तुम्हारी डायरी में कोई पन्ना ऐसा भी हो शायद
कि जिस पर प्रेम की पाती शुरू की होगी मेरे नाम के पहले हर्फ़ से।
मगर कुछ सोच कर, लिखी नहीं हो
वो पाती - तुम उसे पूरा मत ही करना।
मैं
जो, तुम्हारे कोमल हृदय में सुखद शैय्या पर पड़ा हूँ, ठीक ही हूँ
कि तुम्हारे दिल से निकलकर, अगर मैं नाम की शक्ल में आया
कागज़ पे बिछी/छपी पटरी पर
पटरी? - हाँ, कागज पर छपी सफ़ों के बीच
तो शायद यूँ भी हो
कभी गुस्साके कोई मेरे नाम के कागज़ी वज़ूद को
फाड़ फेंके या जला दे
मुझे अपने कोमल हृदय में ही रहने दो
वहीं से पढ़ लूँगा तुम्हारी प्रेम पाती
तुम्हारी नज़र से....
#एसबी_आहत
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