सुनो ,डरना नहीं है
इतना तो चलता रहता है,
बेशक वक़्त खराब है लेकिन
हमेशा वक़्त बदलता रहता है,
वो और एक मौके की तलाश में हैं
लेकिन हमे वो देना नही है,
झुकाएगे हमे और तुम्हें
लेकिन हमे झुकना नही है,
लेकिन हाँ अब सतर्क हो जाओ
और माँ को दोस्त बनाओ,
अब नये साल पर जश्न मनेगा
चेहरा भी उसी शाम दिखेगा,
अब 21 दिन में आदत बना लो
प्यार से अपने दिल को समझा लो,
अब हमे हकीकत में लड़ना होगा
बेहतर कल के लिए पढ़ना होगा,
सुनो, अब मुस्कराओ
और जाओ अब
पढ़ने बैठ जाओ।
©Dhani Kumar
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