English
कहा करू मैं तलाश तेरी सारा जग छान लिया अब बैठा हु वहा जहां तु छोड़ गया
रोज अपने आप से वादा करता हूं आज उसको याद नहीं करना है फिर भी उसकी याद आ जाती है पता नहीं क्यों रोते रोते इन होठों पर हंसी आ जाती है ©Samir Naqvi 30
Samir Naqvi 30
11 Love
ठोकर एसी लगी के संभलना पाया मैं पकड़ा था तूने हाथ मेरा फिर भी गिर गया मैं चोट लगी है मुझे उसकी परवाह नहीं है मगर तूने पीछे मुड़कर देखा नहीं इस दर्द को भूल पाया नहीं मैं ©Samir Naqvi 30
0 Love
लग के गले हमसे पता नहीं इतना क्यु वो रोये मेहफिल में है तन्हा नहीं है वो भी भुल गये सायद उन्होंने मेहसूस कर लिया होगा वहीं है जुम्मेदार जिस के लिए हम जिंदा लाश बन गए ©Samir Naqvi 30
7 Love
थक गया हूं मैं मेरी जान अब छोड दे मुझे दौडा ना डुब जाएगी तेरी खुश्या आंसु ओमे मेरे छोड दे अब मुझे रुलाना ©Samir Naqvi 30
10 Love
खुश रहने के सारे हुनर भूल गया हूं गमों ने कुछ इस कदर घेरा है मुझे अब कोशिश करूं तो भी कुछ नजर नहीं आता किस्मत की लकीरों में इस कदर उलझ गया हूं ©Samir Naqvi 30
12 Love
जीतने की खुशी तुझे मुबारक मैं तो हार कर ही खुश हूं पाया है तूने सब कुछ यह तेरा भरम है जानबूझकर हार गया हूं मैं यह तुझ पर मेरा करम हैं ©Samir Naqvi 30
13 Love
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here