प्रेम के बदले कभी प्रेम नहीं चाहा
निस्वार्थ मेरा प्रेम था है रहेगा!
वस्तु नहीं तू कोई जिसपर अधिकार करती
स्वतंत्र मेरा प्रेम सर्वदा था है रहेगा!
मालूम मुझे तुम लौटेगा नहीं कभी
इंतजार तेरा इस दिल को था है रहेगा!
चाह नहीं मुझे जिस्म की तेरी
तेरी रूह से बाबस्ता था है रहेगा!
तकदीर मे मेरे बेशक नहीं तुम
दुआओ मे मेरे तू था है रहेगा!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here