एक खता क्या की हमने , हमारी पूरी दुनिया उजड गयी
समेट ना सकी कुछ भी जिन्दगी कुछ इस कदर बिखर गयी
खुशियों की आश थी,मगर दुखों का सागर उमड गयां
इतनी वफा भी क्यों की हमसे ,जो मुफ्त मे हमे दे गम आया
नजरे उसी का दीदार करने को बैठी हुई है
न जाने मेरी जिन्दगी कहाँ खोई हुई है??
मेरे जिन्दगी के पन्नो मे तेरा जिकर कर जाऊँगी
मोहब्बत के नाम पर तुझे बदनाम कर जाऊँगी
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