Ritesh Shrivastava

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'इश्क़ दा तोहफा' ये महज पल है तो इक पल में ही टल जायेगा और अगर जादू है तो आज भी चल जायेगा मेरी मिट्टी का खिलौना मुझे वापस कर दो जिस्म बच्चा है खिलौने से बहल जायेगा #TeddyDay . ©Ritesh Shrivastava

#teddyday  'इश्क़ दा तोहफा'
ये महज पल है तो इक पल में ही टल जायेगा
और अगर जादू है तो आज भी चल जायेगा
मेरी मिट्टी का खिलौना मुझे वापस कर दो
जिस्म बच्चा है खिलौने से बहल जायेगा
#TeddyDay



















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©Ritesh Shrivastava

#teddyday

10 Love

नाम से मेरे चिढाते है उसको, कुछ इस तरह से सताते है उसको, आखिरी वो हूर है इस दुनिया की, इसीलिए भी हम छुपाते है उसको। -शब्बीर वरसी . ©Ritesh Shrivastava

#हिंदी #poetryworld #shayarilove #lovequote #lovepoems  नाम से मेरे चिढाते है उसको,
कुछ इस तरह से सताते है उसको,
आखिरी वो हूर है इस दुनिया की,
इसीलिए भी हम छुपाते है उसको।
-शब्बीर वरसी


















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©Ritesh Shrivastava

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11 Love

पिता पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है पिता उंगली पकड़े बच्चे का सहारा है पिता कभी कुछ खट्टा, कभी खारा है पिता पालन है, पोषण है, पारिवारि का अनुशासन है पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है पिता अपदर्शित अनन्त प्यार है पिता है तो बच्चों को इंतजार है पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं पिता से परिवार में प्रतिपल राग है पिता से ही माँ का बिंदी और सुहाग है पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्थिति की भक्ति है पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है पिता रक्त में दिये हुए संस्कारों की मूर्ति है पिता एक जीवन को जीवन का दान है पिता दुनिया दिखाने का अहसान है पिता सुरक्षा है, सिर पर हाथ है पिता नहीं तो बचपन अनाथ है तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो पिता का अपमान नहीं, उन पर अभिमान करो क्योंकि मां­बाप की कमी कोई पाट नहीं सकता और ईश्वर भी इनके आशीशों को काट नहीं सकता विश्व में किसी भी देवता का स्थान दूजा है मां­बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्राएं व्यर्थ हैं यदि बेटे के होते मां­बाप असमर्थ हैं वो खुशनसीब हैं मां­बाप जिनके साथ होते हैं क्योंकि मा­बाप की आशीशों के हजारो हाथ होते हैं ~ ओम व्यास ओम . ©Ritesh Shrivastava

#LoveYouDad  पिता

पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है
पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है

पिता उंगली पकड़े बच्चे का सहारा है
पिता कभी कुछ खट्टा, कभी खारा है

पिता पालन है, पोषण है, पारिवारि का अनुशासन है
पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है

पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है
पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है

पिता अपदर्शित अनन्त प्यार है
पिता है तो बच्चों को इंतजार है

पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं
पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं

पिता से परिवार में प्रतिपल राग है
पिता से ही माँ का बिंदी और सुहाग है

पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है
पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्थिति की भक्ति है

पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है
पिता रक्त में दिये हुए संस्कारों की मूर्ति है

पिता एक जीवन को जीवन का दान है
पिता दुनिया दिखाने का अहसान है

पिता सुरक्षा है, सिर पर हाथ है
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है

तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो
पिता का अपमान नहीं, उन पर अभिमान करो

क्योंकि मां­बाप की कमी कोई पाट नहीं सकता
और ईश्वर भी इनके आशीशों को काट नहीं सकता

विश्व में किसी भी देवता का स्थान दूजा है
मां­बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है

विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्राएं व्यर्थ हैं
यदि बेटे के होते मां­बाप असमर्थ हैं

वो खुशनसीब हैं मां­बाप जिनके साथ होते हैं
क्योंकि मा­बाप की आशीशों के हजारो हाथ होते हैं

~ ओम व्यास ओम



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©Ritesh Shrivastava

#LoveYouDad

11 Love

पिता पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है पिता उंगली पकड़े बच्चे का सहारा है पिता कभी कुछ खट्टा, कभी खारा है पिता पालन है, पोषण है, पारिवारि का अनुशासन है पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है पिता अपदर्शित अनन्त प्यार है पिता है तो बच्चों को इंतजार है पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं पिता से परिवार में प्रतिपल राग है पिता से ही माँ का बिंदी और सुहाग है पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्थिति की भक्ति है पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है पिता रक्त में दिये हुए संस्कारों की मूर्ति है पिता एक जीवन को जीवन का दान है पिता दुनिया दिखाने का अहसान है पिता सुरक्षा है, सिर पर हाथ है पिता नहीं तो बचपन अनाथ है तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो पिता का अपमान नहीं, उन पर अभिमान करो क्योंकि मां­बाप की कमी कोई पाट नहीं सकता और ईश्वर भी इनके आशीशों को काट नहीं सकता विश्व में किसी भी देवता का स्थान दूजा है मां­बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्राएं व्यर्थ हैं यदि बेटे के होते मां­बाप असमर्थ हैं वो खुशनसीब हैं मां­बाप जिनके साथ होते हैं क्योंकि मा­बाप की आशीशों के हजारो हाथ होते हैं ~ ओम व्यास ओम . ©Ritesh Shrivastava

#LoveYouDad  पिता
पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है
पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है

पिता उंगली पकड़े बच्चे का सहारा है
पिता कभी कुछ खट्टा, कभी खारा है

पिता पालन है, पोषण है, पारिवारि का अनुशासन है
पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है

पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है
पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है

पिता अपदर्शित अनन्त प्यार है
पिता है तो बच्चों को इंतजार है

पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं
पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं

पिता से परिवार में प्रतिपल राग है
पिता से ही माँ का बिंदी और सुहाग है

पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है
पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्थिति की भक्ति है

पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है
पिता रक्त में दिये हुए संस्कारों की मूर्ति है

पिता एक जीवन को जीवन का दान है
पिता दुनिया दिखाने का अहसान है

पिता सुरक्षा है, सिर पर हाथ है
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है

तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो
पिता का अपमान नहीं, उन पर अभिमान करो

क्योंकि मां­बाप की कमी कोई पाट नहीं सकता
और ईश्वर भी इनके आशीशों को काट नहीं सकता

विश्व में किसी भी देवता का स्थान दूजा है
मां­बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है

विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्राएं व्यर्थ हैं
यदि बेटे के होते मां­बाप असमर्थ हैं

वो खुशनसीब हैं मां­बाप जिनके साथ होते हैं
क्योंकि मा­बाप की आशीशों के हजारो हाथ होते हैं
~ ओम व्यास ओम


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सिर्फ अंदाज़ा लगाना सही नही, मेरी कहानी मैंने अब तक कही नही। अच्छे वक़्त पे आ गए तुम हमदर्द बनके, खैर ये ज़माना ही ऐसा है, गलती तुम्हारी नही। -मुन्नवर फारूकी . ©Ritesh Shrivastava

 सिर्फ अंदाज़ा लगाना सही नही,
मेरी कहानी मैंने अब तक कही नही।
अच्छे वक़्त पे आ गए तुम हमदर्द बनके,
खैर ये ज़माना ही ऐसा है, गलती तुम्हारी नही।
-मुन्नवर फारूकी























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©Ritesh Shrivastava

सिर्फ अंदाज़ा लगाना सही नही, मेरी कहानी मैंने अब तक कही नही। अच्छे वक़्त पे आ गए तुम हमदर्द बनके, खैर ये ज़माना ही ऐसा है, गलती तुम्हारी नही। -मुन्नवर फारूकी . ©Ritesh Shrivastava

10 Love

रुक गया है वो या चल रहा है, हमको सब कुछ पता चल रहा है। उसने शादी भी की है किसी से, और बताओ गाँव मे क्या चल रहा है। -तहजीब हाफी . ©Ritesh Shrivastava

#हिंदी #poetryworld #shayarilove #classicpoet #tehjibhafi  रुक गया है वो या चल रहा है,
हमको सब कुछ पता चल रहा है।
उसने शादी भी की है किसी से,
और बताओ गाँव मे क्या चल रहा है।
-तहजीब हाफी






















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©Ritesh Shrivastava

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