पत्थर हो?
मिट्टी बनो,
जड़ें मिट्टी से ही फूटेंगी फूल मिट्टी में ही खिल सकेंगे,
आसमान पर चोट नहीं
चूम सकोगे इस नीले रंग को
और रक्स करते फिरोगे
गिरोगे तो टूटोगे नहीं
धरती पर इश्क़ खिला सकोगे!
पत्थर हो?
मिट्टी बनो,
जड़ें मिट्टी से ही फूटेंगी फूल मिट्टी में ही खिल सकेंगे,
आसमान पर चोट नहीं
चूम सकोगे इस नीले रंग को
और रक्स करते फिरोगे
गिरोगे तो टूटोगे नहीं
धरती पर इश्क़ खिला सकोगे!
5 Love
It's been years now,
And
I wouldn't lie and
this is the truth.
That I haven't seen
A single dream-
Which isn't about you.
It's been years now,
And
I wouldn't lie and
this is the truth.
That I haven't seen
A single dream-
Which isn't about you.
4 Love
जब-तक ये समाज
लोगों को अलविदा कहने को
मजबूर करता रहेगा-
जब तक एक अलविदा की
कसक भी बाकी रहेगी-
मैं इस समाज को सभ्य और आधुनिक
मानने से मना करता रहूंगा।
मजबूर-अलविदाओं से बड़ा अपराध
क्या ही होगा-
ऐसा समाज सभ्य न होगा।।
जब-तक ये समाज
लोगों को अलविदा कहने को
मजबूर करता रहेगा-
जब तक एक अलविदा की
कसक भी बाकी रहेगी-
मैं इस समाज को सभ्य और आधुनिक
मानने से मना करता रहूंगा।
मजबूर-अलविदाओं से बड़ा अपराध
क्या ही होगा-
ऐसा समाज सभ्य न होगा।।
5 Love
एक कविता जो जुबानी याद हुई
वो भी बिन पढ़े-सर पर चढ़ी।
एक कविता जो थी उसमें बसी,
वो कविता जो मुझमें वो छोड़ गयी।।
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