प्रेम पत्र तेरी यादों को दिल मे बिठाये, तुझे एक पैगाम लिखूंगी ,
तू वाक़िफ़ हो सिर्फ मेरी दिल की बातों से,
इस लिए इस पैगाम को गुमनाम लिखूंगी !
करवट बदलती है रातें मेरी, इनको मैं ज़रा आराम दूँ,
इसलिये इन्तज़ार में तेरे, एक नया शाम लिखूंगी !
करनी हो गर इज़हार अपने मोहब्बत की तुझसे,
तो ये चान्द-तारे नहीं, मैं अपनी जान लिखूंगी !
सलामत रहे सदा ईमान तुम्हारा,
ऐसा एक खत मैं अपने खुदा के नाम लिखूंगी
ना खौफ मुझे इस समाज के बनाये नियमों का,
अपने प्यार का इज़हार मैं सरे-आम लिखूंगी !
ना हुआ है, और ना होगा तू ज़ुदा मुझसे कभी,
ऐसी मिसाल मैं एक बार नहीं, हर बार लिखूंगी !!
©aashi
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