बरसो बाद रूबरू मिले जब वो हमसे तो थोड़े शर्मा गए
लगा जैसे उन्हें पुराने दिन याद आ गए !
फिर मुस्कुराए वो और मगरूरी से देखा हमको
माँ कसम हमे भी फिर उनकी आँखों में रब नजर आ गए
इतना ना चाहो किसी को की उसे गुरुर हो जाएं
और तुम रो-ओ उसकी याद में और वो मसहूर हो जाएं
ऐ खुदा मुझे ऐसी मोहब्बत से मिलाना ही मत
जिसकी वजह से मेरे माँ - बाप ही मुझसे दूर हो जाएं
सफर ए इश्क़ हो और तुम्हारी याद ना आएं
ऐसा कैसे हो सकता है
तुम मेरे साथ बैठी हो और मुझे तुम्हारी
गोद में नींद ना आए ऐसा कैसे हो सकता है
और हालात चाहे कुछ हो मगर तुम मेरे बच्चो की मम्मी ना बनो ऐसा कैसे हो सकता है
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